पीएम श्री स्कूल (PM-Shri School) योजना क्या है?

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि भारत सरकार द्वारा हर साल नई नई योजनाएं चलाई जाती है जिसके अंतर्गत लोग उसका फायदा उठा सकें ऐसे योजना का नाम हम बताने वाले हैं जिसे प्रधानमंत्री ने खुद शुरू किया है जिसे उन्होंने पीएम श्री स्कूल योजना (PM-Shri School) नाम दिया है इस योजना के तहत NEP नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई है जिसके ध्यान में रखते हुए स्कूल के बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा सके इसके लिए पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत की और शिक्षा नीति में आधुनिक शिक्षा के और लाने के लिए प्रधानमंत्री योजना की शुरुआत क्या लाभ है कैसे अप्लाई कर सकते हैं इसके बारे में बताते हैं.

PM-Shri Schools योजना क्या है?

पीएम-श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रदान करने के लिए एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र पद्धति होगी।

जिसके तहत स्कूल के बच्चों को आधुनिक तौर पर शारीरिक मानसिक और मजबूत बनाना होगा इसके लिए सरकार में अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग सिलेबस इन्फ्राट्रक्चर पर जोर दिया है जिससे कि बच्चों को और भी मजबूत बना सके सरल रूप से और मानसिक रूप से इसके लिए सरकार ने 14500 स्कूल को अपने अंडर लिया है तथा उनको अच्छा बनाने के लिए उनके मॉडल को सुधारा है बाकी बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके वह पढ़ाई के साथ-साथ अपना अलग-अलग करीब चुनकर अलग-अलग कर गिर जा सके इसके लिए सरकार ने पीएम श्री योजना की शुरुआत की.

पीएम श्री स्कूल योजना और एनईपी

आपको बता दे की बात से आजादी के बाद से ही तीन तीन शिक्षा नीति की शुरुआत हो चुकी थी जिस्मे पहले 1968 बनी गई थी दुसरे उनको 86 में और तीसरी 1992 मॉडिफाई करके बनाई थी थी शिक्षा नीति को 86/92 भी कहते हैं इसमें शिक्षा निति जो की 2020 द्वार जरी की गई थी.इस शिक्षा नीति को 2020 में क्या सकते हैं इसके तहत शिक्षा नीति में 5 साल में बन रही नहीं निति को 5 साल से पिछले में कम इस्तेमाल नहीं थी को जोड़कर एक साथ देखा जा सकता है देश के हर भाषा में इस पर विचार किया जा रहा है और लगभग 1 लाख 25000 सुजाव लिए गए हैं जिस के तहत शिक्षा में बदलाव किया जाएगा शिक्षा के साथ स्कूल एजुकेशन लाइन टेक्नोलॉजी फाइनेंस पर ध्यान देने के लिए नई शिक्षा पॉलिसी लाई गई है.

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नई शिक्षा पॉलिसी क्या है ?

अभी तक जो स्कूल का पैटर्न चल रहा है, उसमें (10+2) शिक्षा नीति चल रही थी। इसके मुताबिक कक्षा 1 से लेकर 10वीं तक सभी छात्र एक ही तरह के विषय पढ़ते थे। और पिछले 2 साल में यानी कक्षा 11 से कक्षा 12 तक कुछ विशेष विषय जैसे आर्ट्स कॉमर्स , विज्ञान आदि पढ़ाए गए।

लेकिन नई शिक्षा नीति के अनुसार 10+2 के पैटर्न को बदलकर 5+3+3+4 कर दिया गया है। इसके अनुसार 5 साल का फाउंडेशनल स्कूल का होगा 3 साल का को प्रीपेटरी स्कूल और 3 साल का मॉडल स्कूल 4 साल का सेकेंडरी स्कूल हो गया जिसके तहत परीक्षा दी जा सकती है। 

इस Foundation stage में 3 वर्ष प्राथमिक विद्यालय की ओर, 2 वर्ष कक्षा 1 और कक्षा 2 की ओर होते हैं। सरकारी स्कूलों में पहले कक्षा 1 से ही प्रवेश होता था। लेकिन अब नई शिक्षा नीति के अनुसार सरकारी स्कूलों में 3 साल के प्राइमरी स्कूल को भी जोड़ दिया गया है, जो पहले निजी स्कूलों में ही होता था।

बोर्ड एग्जाम 

नई शिक्षा नीति में बोर्ड एग्जाम को शामिल किया गया है जिसके तहत स्टूडेंट को दो बार एग्जाम देना पड़ेगा साल में इसके तहत कोई विद्यार्थी किसी विषय में कमजोर है तो उस विद्यार्थी जी को उसके में कम लेवल पर विषय चुनकर कक्षा देने का विकल्प रहेगा साथ ही नई शिक्षा नीति के अनुसार बगैर साइंस के साथ हिस्ट्री पॉलिटिक्स और हिंदी के विषय के साथ कॉमर्स के पढ़ सकता है.

3 लैंग्वेज पॉलिसी क्या है 

तीन एजुकेशन पॉलिसी में तीन भाषाओं को शामिल किया गया है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अपनी भाषा में हिंदी भाषा में और इंग्लिश में पढ़ाई कर सकता है इस शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को अपनी मनपसंद भाषा चुनने का अवसर मिलेगा और वह अपने मनपसंद पढ़ाई भी कर पाएंगे और इससे इससे उन्हें कोई जबरदस्ती नहीं होगी कि हमें अंग्रेजी पढ़ना हिंदी पढ़ना है इत्यादि सब्जेक्ट कोई दवा नहीं रह सकता है इसके ऊपर अपनी मर्जी से कुछ भी सब्जेक्ट चुनकर पढ़ाई कर सकते हैं इसके अलावा जो लोग अप्रैल में अपनी भाषा हिंदी कोई लोकल नमाज पढ़ रहे हैं तो उसे भी सरकार ने मान्यता दे दी है वह भी भाषा हर राज्य में पूरे देश में मानी जाएगी।

Gross Enrolment Ratio क्या है?

Gross Enrolment Ratio इसका मतलब है यदि हजार विद्यार्थी हैं जिसमें से 900 विद्यार्थियों ने प्राइवेट स्कूल की पढ़ाई की है तो इस हिसाब से प्राइमरी स्कूल का gross enrolment ratio अभी 90 % से 100% भारत में कुछ राज्यों में है 100% भी है लेकिन जैसे ही सेकेन्डरी स्कूलस्कूल का टाइम आता है यार इसको पढ़कर 56 तक नहीं जाता है यानी कि विद्यार्थी अपने प्राइमरी की पढ़ाई पूरी कर लेता है लेकिन सेकेंडरी स्कूल की बराबरी नहीं कर पाता अपनी सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई नहीं कर पाती है.और लोग अनपढ़ रह जाते हैं भारत की शिक्षा नीति के तहत 2020 तक पहुंचाने के लिए प्रकार प्रयास करेगी जिसके तहत विद्यार्थियों को शिक्षा के बारे में बताया जाएगा।

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