राजस्थान अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना क्या है?

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत के लोग आजकल इतने युवा हो गए हैं कि अपनी मर्जी से शादी बिहा करने लगी है क्योंकि आजकल लोग लव मैरिज पर ज्यादा विश्वास करने लगे हैं अपने तरीके से लड़की ढूंढ कर अपनी मर्जी से शादी किसी भी जाति में करने लगी है जिसके तहत लोग अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं लेकिन उनके मां-बाप उनको मना करते हैं कि हम अपनी जाति में ही शादी करेंगे लेकिन वह लव मैरिज के चक्कर में उनसे शादी कर लेते हैं. 

इसी के तहत राजस्थान सरकार ने एक योजना शुरू की है इस योजना को राजस्थान सरकार ने अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना नाम दिया है जिसके तहत कोई भी जाति का लड़का लड़की एक दूसरे से शादी कर सकता है इसके बारे में मैं आपको बताने वाले हैं कि अंतर जाति विवाह योजना क्या है इससे आपको क्या लाभ होगा तो चलिए आपको उसके बारे में बताते हैं.

राजस्थान अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना क्या है

आपको बता दें कि आज के समय में लोग अंतर जाति विवाह करने का सिलसिला काफी तेजी से बढ़ रहा है नौजवान लड़के और लड़कियां बिना जाति धर्म देख एक दूसरे से प्यार कर बैठते हैं और लेकिन जब शादी करने का वक्त आता है तो उनकी माँ बाप उनकी शादी करने के लिए मना कर देते हैं, तो लड़का लड़की अपनी मर्जी से खुद शादी कर लेते हैं कोर्ट में जाकर ,उनके घर वाले उनको घर से बेदखल कर देते हैं ऐसे में उनके पास रहने के लिए कोई सहारा नहीं होता है अंतर जाति विवाह करने वाले जोड़ों के लिए राजस्थान inter-caste जोड़ी योजना की शुरुआत की है ,इस योजना के अंतर्गत 500000 की आर्थिक मदद दी जाती है जिसकी सहायता से वह अपने घर परिवार किसी और जगह बना सकते हैं और अपना गुजारा कर सकता है,

राजस्थान अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है 

आपको बता दें कि हमारे समाज में अंतर जाति विवाह करने वाले लड़के और लड़कियों को गलत निगाहों से देखा जाता है और ना ही हमारा समाज उनको दूसरी जाति में विवाह करने के लिए कभी राजी होता है इसीलिए समाज की सोच बदलने के लिए राजस्थान सरकार इंटर कास्ट मैरिज स्कीम की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत जो लड़का लड़की एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं शादी करने के बाद उनके मां-बाप उन्हें घर में नहीं रखते इसके लिए उन्हें सरकार 500000 की आर्थिक सहायता देती है जिसकी वजह से वह कही भी जाकर अपना घर बना सकते हैं और अपना जीवन यापन कर सकते हैं इस योजना का उद्देश्य है कि दोनों जोड़ों को आर्थिक मदद की जा सके। 

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राजस्थान अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के क्या लाभ हैं 

आपको बता दें यदि आप भी एक दूसरे से प्रेम करते हैं और आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो इस योजना के तहत आप दोनों जोड़ों को राजस्थान सरकार की तरफ से ₹500000 की आर्थिक मदद दी जाती है। जिसकी मदद से आप अपना घर कहीं भी जाकर बस आ सकते हैं और अपना जीवन यापन कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत लड़का या लड़की अगर दूसरी जाति में शादी करते हैं तो वह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत मिलने वाले ₹500000 की मदद से आपको सीधे आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। इंटर कास्ट मैरिज को लेकर समाज में फैली गंदगी को दूर करने के लिए योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के अंतर्गत आप अपनी मनपसंद जीवनसाथी से शादी करके अपना जीवन गुजारा कर सकते हैं.

राजस्थान अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए ऑनलाइन कैसे करें 

अगर आप राजस्थान के निवासी हैं तो अगर आपने अंतरजातीय विवाह किया है तो आप राजस्थान के इंटर कास्ट मैरिज योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इसकी ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर आपको जाकर आपको नया यूजर अकाउंट बनाना होगा ,उसके के बाद आप नई पोर्टल पर लॉगिन हो जाएंगे ,उसके के बाद आपको अपना आधार कार्ड फेसबुक गूगल से लॉगिन हो सकते हैं. इसके बाद आपको यूटिलिटी सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट डिपार्मेंट पर क्लिक करना है।

उसमें आपको इंटर कास्ट मैरिज को चुनना है जिसके बाद आपको एड न्यू बेनेफिशरी पर क्लिक करना है. इसके बाद आपको अपना नाम जन्म तिथि डेट ऑफ बर्थ ईमेल आईडी भरकर सेव और नेक्स्ट कर देना है। आपको सभी जानकारियां खुल जाएंगी इसमें आपको उसी के सभी चीजों को फ्री कर देना है जैसे कि पति-पत्नी का शादी का प्रमाण पत्र ,जिला प्रमाण पत्र ,जाति प्रमाण पत्र पति-पत्नी का प्रमाण पत्र इत्यादि आपको अपलोड करने के बाद सबमिट कर दे। इस फॉर्म की जांच की जाती है फॉर्म यदि आप योग्य पाए जाते हैं तो उसका लाभ आप को दिया जाता है.

राजस्थान अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए मिलने वाली राशि

आपको बता दें कि यह योजना डॉक्टर सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना राजस्थान के अंतरजातीय विवाहमें विवाह करने वाले लोगों को ₹500000 की राशि दी जाती है। इसके अंतर्गत उन्हें ढाई लाख रुपए प्रति पति पत्नी के नाम 8 साल के लिए डिपॉजिट किया जाता है जो फिक्स होता है बाकी आप घरेलू वस्तुओं के खरीदने के लिए दिए जाते हैं जिसका उपयोग करके आप अपने दिनचर्या चला सकते हैं.

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